
महिला सशक्तिकरण
महिला सशक्तिकरण क्या है – दोस्तों हमने कई बार टी0 वी0 पर रेडियो पर समाचार पत्रों में महिला सशक्तिकरण के बारे में सुना होगा । महिला सशक्तिकरण के बारे में जानने से पहले हमें महिला सशक्तिकरण शब्द का मतलब समझना होगा। आसान शब्दों में कहें तो महिला( नारी, स्त्री ) को यह अधिकार हो कि वह परिवार और समाज के सभी बंधनों से मुक्त होकर अपने निर्णय खुद ले सके।
महिला सशक्तिकरण का दूसरा अर्थ ये भी है कि महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाना ताकि उन्हें रोजगार, शिक्षा, आर्थिक विकास में बराबरी का मौका मिले। समाज में नारी को उसके वास्तविक अधिकार को प्राप्त करने के लिये उन्हें सक्षम बनाना ही महिला सशक्तिकरण ( नारी सशक्तिकरण ) कहलाता है।
प्रस्तावना – हमारे देश में नारी को देवी का स्थान प्राप्त है कहा जाता है कि स्त्री दुर्गा है, काली है, लक्ष्मी है आदि हमारे ग्रंथों मै भी नारी के बारे में लिखा है कि ” यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः” इसका अर्थ है जहां नारी की पूजा होती है वहां देवता निवास करते है। लेकिन दुर्भाग्यवश प्राचीन काल से ही महिलाओं पर अन्याय और अत्याचार होते आ रहे है।
औरत का दुर्भाग्य देखिये जहां देश निरंतर प्रगति की राह पर है परन्तु नारी की दशा वहीँ की वहीं है। आज भी मायके में लड़कियों की जिंदगी के फैसले बाप और भाई करते हैं तथा शादी के बाद उसे अपने ससुराल और और अपने पति से दबकर रहना पड़ता है। पति की खुशी के लिए औरत को अपने सपनों का गला घोटना पड़ता है। महिला सशक्तिकरण Essay on women empowerment
भारत में नारी सशक्तिकरण का इतिहास – हमारे देश में बहुत से लोग नारी को अबला मानते है। कुछ का तो मानना है कि औरत पैदा ही पुरुष की सेवा करने के लिये होती है। लकिन वे मूर्ख लोग शायद नहीं जानते कि कैकेय देश की राजकुमारी जो कि राजा दशरथ की तीसरी पत्नी थी सुन्दर होने के साथ – साथ योद्धा भी थी। जिन्होने कि भीषण युद्ध में अपनी जान पर खेलकर अपने पति दशरथ की जान बचाई थी।
माता सीता भी युद्ध कला में निपुण थीं । रणचंडी दुर्गा और माँ काली के शौर्य को तो सभी जानते ही है। सती सावित्री भी एक नारी ही थी जो अपने पति कि प्राणों की खातिर यमराज से भी टकरा गयी थी और अपने पति को पुनः जीवित कर दिया। महिला सशक्तिकरण Essay on women empowerment
अपने देश की वीर नारियों की बारे में अगर लिखा जाये तो शायद कागज कलम भी कम पड़ जाएं। रानी लक्ष्मीबाई, अवंतीबाई, अहिल्याबाई होल्कर, जीजाबाई, धाय माता पन्ना, दुर्गावती, आदि वीर नारियां थी। जिन्होने समय आने पर अपने पराक्रम से, कर्मों से अपना नाम इतिहास की पन्नों में दर्ज कर दिया।
भारत में महिला सशक्तिकरण की आवश्यकता – भारत में महिला सशक्तिकरण की आवश्यकता के बहुत से कारण है जो निम्नलिखित है :-
- प्राचीन काल में महिलाओं का आदर होता था उन्हें देवी माना जाता था लेकिन अब महिलाओं के सम्मान में कमी आयी है देश के पिछड़े इलाकों में बहुत सी जगह तो आज भी स्त्रियों को दासी बनाकर रखते है।
- हमारे देश में महिला सशक्तिकरण की आवश्यकता का एक और मुख्य कारण है कि सभी प्राइवेट कंपनी, स्कूल, दुकान, शॉपिंग मॉल आदि सभी जगह कोई भी स्त्री या लड़की वह चाहे शिक्षा, अनुभव और योग्यता में पुरुष की बराबर हो लेकिन स्त्री को वेतन पुरुष से 20% कम दिया जाता है।
- शिक्षा की अगर बात की जाये तो शिक्षा के मामले में भारत में पुरुषों की शिक्षा दर 81.3% है जबकि महिलाओं की शिक्षा दर मात्र 60.6% ही है।
- अपने देश में शहरी क्षेत्रों की महिलाएं अधिक रोजगारशील है जबकि ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं ज्यादातर अपने खेतों में काम करती है या फिर बड़े किसानों के यहां, भट्टों पर, सड़कों के निर्माण में दैनिक मजदूरी करती है ।
- आज के समय में कई भारतीय महिला बहुत से महत्त्वपूर्ण राजनैतिक तथा प्रशासनिक पदों पर नियुक्त है। लेकिन वहीँ ग्रामीण महिलाएं अपने घर पर ही रहकर घरेलू काम करने के लिए मजबूर है क्योकि उन्हें सामान्य स्वास्थ्य सुविधा और शिक्षा जैसी सुविधा उपलब्ध नहीं है।
- भारत में महिला सशक्तिकरण की जरूरत इसलिए भी है क्योंकि महिलाओं को उनके अपने ही परिवार और समाज द्वारा कई कारणों से दबाया जाता है तथा उनके साथ परिवार और समाज में भेदभाव किया जाता है और उन्हें शिक्षा के अधिकार से भी दूर रखा जाता है।
- पिछले कुछ वर्षों में महिलाओं के खिलाफ होने वाले लैंगिक असमानता और बुरी प्रथाओं को हटाने के लिए भी महिला सशक्तिकरण की आवश्यकता है।
महिला सशक्तिकरण के लिए सरकार की योजनाएं – भारत सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिए बहुत सी योजनाएं चलाई गयी है। इन योजनाओं का गठन भारतीय महिलाओं की परिस्थिति को मद्देनजर रखते हुए किया गया है।- मनरेगा, सर्वशिक्षा अभियान, जननी सुरक्षा योजना ( जो कि मातृ मृत्यु दर) को कम करने के लिए चलायी जाने वाली योजना है।
महिला एवं बाल विकास कल्याण मंत्रालय और भारत सरकार द्वारा भारतीय महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए चलायी जा रही योजनाएं है :-
- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ – यह योजना कन्या भ्रूण हत्या और कन्या शिक्षा को ध्यान में रखते हुए शुरू की गयी है।
- महिला हेल्पलाइन योजना – इस योजना के तहत पूरे देश में 181 नंबर को डायल करके महिलायें अपनी शिकायत दर्ज करा सकती है।
- उज्ज्वला योजना – यह योजना महिलाओं को तस्करी और यौन शोषण से बचाने के लिए शुरू की गयी है।
- पंचायती राज योजनाओं में महिलाओं के लिए 50% आरक्षण – सरकार के इस कार्य के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के सामाजिक स्तर को सुधारने का प्रयास किया गया है।
- बाल विवाह निषेध योजना – इस योजना के तहत अब लड़की की शादी की उम्र 18 साल से बढ़ा कर 21 साल कर दी है जिससे लड़किओं को उच्च शिक्षा व करियर बनाने के अवसर बढ़ गए हैं।
- तीन तलाक पर रोक – तीन ताकक पर रोक लगाने का मुख्य उद्देश्य मुस्लिम महिलाओं को बेघर होने से बचाना है।
महिला सशक्तिकरण के लाभ – भारत सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिए चलाई गई योजनाओं के कारण महिलाओं की जिंदगी में काफी बदलाव आए हैं। महिलाएं अपने हक के लिए आवाज उठाने लगी है। पुरुष वर्ग भी महिलाओं का आदर करने लगा है।
लड़कियां भी अब शादी के लिए मना करके शिक्षा प्राप्त करने के लिए आवाज उठाने लगी हैं। लोगों की सोच भी अब बदल गई है, लोग अब लड़का लड़की में फर्क नहीं करते। कितने तो ऐसे परिवार हैं जहां लड़की पैदा हो गई तो लड़की को ही अच्छी शिक्षा दे रहे हैं और लड़के की चाहत में परिवार नहीं बढ़ा रहे हैं। घरेलू हिंसा भी काफी हद तक कम हो गई है।
निष्कर्ष – महिला सशक्तिकरण आज के दौर में जरूरी है जिसके लिए सभी महिलाओं को समाज से डर कर नहीं बल्कि वीरांगना लक्ष्मीबाई की तरह योद्धा बनकर आगे आना चाहिए। आज की नारी को किसी क्षेत्र में पुरुषों से पीछे नहीं रहना है और दिखा देना है कि नारी कमजोर नहीं है। ऐसा कोई भी काम नहीं जो नारी नहीं कर सकती है।
Good
Today’s women are walking shoulder to shoulder with men. Today’s women are working in all fields. Let us all together increase women empowerment
Really Appreciating ma’am great keep it up!❣️
Thought full