हमारी मातृभाषा हिंदी। स्वाभिमान और गर्व की भाषा है हिंदी

हमारी मातृभाषा हिंदी। स्वाभिमान और गर्व की भाषा है हिंदी

आइए दोस्तों आज हम हमारी मातृभाषा हिंदी के बारे में जानते हैं…

1. प्रस्तावना.हमारी मातृभाषा हिंदी। स्वाभिमान और गर्व की भाषा है हिंदी 

भारत विभिन्नताओं वाला देश है। यहाँ हर राज्य की अपनी अलग भाषा है। लेकिन फिर भी भारत में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा हिंदी है। इसलिए महात्मा गाँधी ने 1918 में आयोजित हिंदी साहित्य सम्मेलन में हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए कहा था।हमारी मातृभाषा हिंदी। स्वाभिमान और गर्व की भाषा है हिंदी 

2. भारत में हमारी मातृभाषा हिंदी का इतिहास.

14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने एक मत से यह निर्णय लिया कि हिंदी ही भारत की राज भाषा होगी। इस निर्णय के बाद हिंदी को हर क्षेत्र में प्रसारित करने के लिए 1953 से पूरे भारत में 14 सितम्बर को हर साल हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। हिंदी भारत की राज भाषा जरूर बनी लेकिन राष्ट्रीय भाषा बनते बनते रह गयी।

3. हिंदी का महत्त्व. हमारी मातृभाषा हिंदी। स्वाभिमान और गर्व की भाषा है हिंदी

धीरे धीरे अब हमारी राष्ट्रभाषा हिंदी अंतरार्ष्ट्रीय स्तर पर भी बहुत पसंद की जा रही है। आज विश्व के कोने कोने से विद्यार्थी हमारी भाषा और संस्कृति को जानने के लिए हमारे देश में आ रहे है। किसी भी हिंदुस्तानी को कम से कम अपनी भाषा यानि हिंदी तो आनी ही चाहिए। हमारी मातृभाषा हिंदी, स्वाभिमान और गर्व की भाषा है हिंदी 

4. आज के युग में पिछड़ती हिंदी.

आधुनिक पीढ़ी के चलते व अंग्रेजी बाजार के चलते दुनियांभर में हिंदी जानने और बोलने वालों को अनपढ़ या गंवार समझा जाता हैं। यह बिलकुल भी सही नहीं हैं। हम अपने ही देश में अंग्रेजी भाषा के गुलाम बन चुके हैं। और अपनी राष्ट्रीय भाषा हिंदी को मान सम्मान नहीं दे पा रहे हैं। घर पर हमारा बच्चा यदि किसी अतिथि के सामने अंग्रेजी में कविता सुना दे तो हम काफी गर्व महसूस करते हैं। हम या आप किसी बड़े होटल या उच्च वर्गीय समाज के लोगों के बीच खड़े होकर गर्व से अपनी मातृभाषा हिंदी बोलते हैं तो उनके दिमाग में हमारी छवि एक गंवार या अनपढ़ की बन जाती हैं। यही वजह हैं कि लोग हिंदी बोलने में हिचकते हैं और अंग्रेजी भाषा का चलन बढ़ रहा हैं। 

 5. निष्कर्ष.

आजकल हर माता पिता अपने बच्चे को अच्छी शिक्षा के लिए अच्छे स्कूल में भेज रहे हैं और आजकल स्कूलों में विदेशी भाषाओँ पर तो काफी ध्यान दिया जा रहा हैं लेकिन अपनी मात्र भाषा को भुलाते जा रहे हैं। हमारी मातृभाषा हिंदी, स्वाभिमान और गर्व की भाषा है हिंदी 

मुझे उम्मीद है दोस्तों आपको हमारी मातृभाषा हिंदी पर निबंध पसंद आया होगा…

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