अनुशासन का महत्व कक्षा 10 से 12 के लिए

अनुशासन का महत्व कक्षा 10 से 12 के लिए 

 दोस्तों! आज हम आपके लिए लाए हैं एक ऐसा विषय जिसके बिना सफलता की सीढ़ी चढ़ना असंभव है। इस शब्द के बिना हर किसी का जीवन अस्त – व्यस्त हो जाएगा, क्योंकि अगर सूरज और चांद समय पर नहीं निकलेंगे और समय पर अस्त नहीं होंगे तो सोचो हम सब का जीवन कैसा होगा। अनुशासन के बिना कुछ भी संभव नहीं है। जी हां आज का हमारा विषय है अनुशासन तो चलिए जानते हैं इसके बारे में….

 अनुशासन क्या है?

अनुशासन का अर्थ है नियमों के अनुसार जीवन यापन । अनुशासन मानव की प्रगति का मूल मंत्र है। अनुशासन से मनुष्य की सारी शक्तियां केंद्रित हो जाती हैं। उससे समय बचता है। बिना अनुशासन के बहुत सारा समय इधर-उधर एवं सोच विचार में नष्ट हो जाता है।

           इस तरह, सामान्य एवं व्यवहारिक रूप में, व्यक्ति जहां रहता है, वहां के नियम, कानून एवं सामाजिक मान्यताओं के अनुरूप आचरण एवं व्यवहार करना ही अनुशासन कहलाता है। अनुशासित व्यक्ति आज्ञाकारी होता है और उसके पास उचित सत्ता के आज्ञा पालन के लिए स्वशासित व्यवहार होता है। अनुशासन पूरे जीवन में बहुत महत्व रखता है और जीवन के हर कार्य में इसकी जरूरत होती है।

अनुशासन का महत्व कक्षा 10 से 12 के लिए
अनुशासन का महत्व कक्षा 10 से 12 के लिए

अनुशासन का महत्त्व

             अनुशासन का किसी एक कार्य में नहीं बल्कि जीवन के प्रत्येक हिस्से में महत्त्व है। अनुशासन हमारे भटकते जीवन को एक नई दिशा दिखाने का काम करता है। अनुशासन सफल जीवन की पहली राह है क्योंकि प्रगति की ओर बढ़ने में अनुशासन मुख्य रूप से सहयोगी होता है। समय किसी की नहीं सुनता, समय पर हर काम पूरा करना बेहद जरूरी होता है। यह अनुशासन के बिना असम्भव है।

         समय को अपने हाथों में संजो कर रखना अनुशासन के साथ ही हो सकता है। अगर हम अनुशासन को बचपन से या विद्यार्थी समय से ही जीवन में उतार लेते हैं, तो हमारा जीवन किसी स्वर्ग से कम नहीं कहलाता है। हमारी पृथ्वी सजग रूप से चल रही है, किस वजह से? इसमें अनुशासन की ही अहम भूमिका है; समय पर सूर्य का उगना और ढलना, मौसम में परिवर्तन, फसलों को समय पर उगाना और काटना।

        यदि हमें राष्ट्र का भी विकास सजग रूप से होते हुए देखना है, तो उसमें भी अनुशासन का पालन करते हुए सभी परिवर्तन समय से होना जरूरी है।

मनुष्य जीवन में अनुशासन का महत्व- मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। उसके लिए यह आवश्यक है कि वह समाज के सभी प्राणियों के साथ सामंजस्य स्थापित करे। इसके लिए अनुशासन का होना अत्यंत अनिवार्य है। अनुशासन के बिना किसी भी समाज में अराजकता का माहौल व्याप्त होना स्वभाविक है। अनुशासन रहित समाज के सभी मनुष्यों को अनेक कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। अनुशासन के बिना आनंददायक तथा सुखी जीवन की कल्पना करना कठिन है।

        अनुशासन प्रत्येक संस्था की आवश्यकता है, फिर वह चाहे परिवार ही क्यों ना हो। इसी तरह परिवार के सदस्य यदि अनुशासित ना हों, तो उस परिवार का अव्यवस्थित होना स्वभाविक है। इसी तरह सरकारी कार्यालयों में यदि कर्मचारी अनुशासित ना हो, तो वहां भ्रष्टाचार का बोलबाला हो जाएगा। इस तरह स्पष्ट है कि अनुशासन के बिना न तो परिवार चल सकता है, न कोई संस्थान और न ही कोई राष्ट्र। अनुशासन किसी भी सभ्य समाज की मूलभूत आवश्यकता है। अनुशासन न केवल व्यक्तिगत हित, बल्कि सामाजिक हित के दृष्टिकोण से भी अनिवार्य है।

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विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्व- विद्यार्थी जीवन में अनुशासन कई प्रकार से विद्यार्थी का सहयोगी होता है। यदि विद्यार्थी शुरू से ही अनुशासन को अपने जीवन में उतार लेता है, तो उसे हर पग पर सफलता पाने से कोई रोक नहीं सकता। इससे वह केवल स्वयं का नहीं बल्कि अपने परिवार, अपने राष्ट्र का भी उद्धार करेगा। एक विद्यार्थी के लिए अनुशासन उसकी पढ़ाई, खेल-कूद, करियर हर चीज़ में काम आता है। विद्यार्थी को अपने पूरी दिनचर्या में अनुशासन को बनाए रखना जरूरी होता है चाहे वह काम विद्यालय से जुड़ा हो या फिर घर से।

           उसे समय पर उठना, प्रतिदिन स्नान करना, समय से खाना खाना, अनुशासन में विद्यालय में जाना, सभी नियमों का पालन करना, विद्यालय द्वारा दिया गया कार्य समय से करना बहुत जरूरी माना जाता है। इस तरह की जीवनशैली ही जीवन को एक नई दिशा दे सकती है। हम ऐसे कई विद्यार्थी भी देख सकते हैं जो बिना पढ़े ही पास होना चाहते हैं, किसी भी तरह के प्रयत्न में उनका कोई ध्यान नहीं होता। वे अपने जीवन की दुर्दशा कर लेते है। सबसे पहले तो ऐसे विद्यार्थियो के लिए अनुशासन बहुत जरूरी होता है।

अनुशासन की प्रेरणा-

              अनुशासन सीखने के लिए सबसे पहले आपको अपने जीवन में कुछ आवश्यक नियम बनाने होंगे। उदाहरण के लिए, आप प्रतिदिन प्रकृति को देख सकते हैं की जिस प्रकार सूर्य प्रतिदिन नियत समय पर उगता है और नियत समय पर अस्त होता है, उसी तरह आपको भी अपने जीवन में एक समय सीमा और नियम निर्धारित करने की आवश्यकता है।

            अनुशासन से जीवन जीने की प्रेरणा आपको तब तक नहीं मिल सकती, जब तक आप खुद अनुशासन को अपने जीवन में अमल नहीं करते। जब आप अनुशासन के साथ जीवन जीना शुरू करेंगे, तो आप खुद ही उससे होने वाले सकारात्मक प्रभाव अपने जीवन में महसूस करने लगेंगे।

अनुशासन के लाभ-

अनुशासन के कई लाभ हैं। कुछ मुख्य अनुशासन के लाभ निम्नलिखित हैं-

1.अनुशासन हमारे व्यक्तित्व विकास में सहायक होता है।

2.इससे हम तनाव मुक्त रहते हैं।

3.इससे हमें समय के महत्व का पता चलता है जिससे हम अपने समय को सही तरीके से इस्तेमाल कर सकते हैं।

 4.अनुशासन में रहने पर हम अपने साथ-साथ अपने समाज का भी विकास करते हैं।

5.अनुशासन में रहने पर हमें खुशहाली की प्राप्ति होती है।

6.यदि हम अनुशासन में रहते हैं तो हमें देखने वाले लोगों में भी अनुशासन अपनाने की इच्छा होती है।

7.अनुशासन में रहने पर हमें शिक्षा की सही प्राप्ति होती है।

8.अनुशासन से हमें उज्जवल भविष्य की होती है।

निष्कर्ष- 

         अनुशासन में रहने से जीवन व्यवस्थित रहता है। यदि हम एक बार नियंबद्ध हो कर कार्य करना सीख लें तो स्वयं ही अनुशासन में रहने लगेंगे क्योंकि अनुशासन में किया गया कार्य सरल और सफल होता है, उसका आनंद ही अलग है।

      राष्ट्र की उन्नति उसके नागरिकों के अनुशासन से ही है। इसी लिए कहा जाता है कि जो व्यक्ति आरंभ से अनुशासन में जीव-यापन करता है, उसका उज्जवल भविष्य निर्धारित है। स्वामी विवेकानंद जी ने सत्य ही कहा है कि आदर्श, अनुशासन, परिश्रम और ईमानदारी के बिना किसी का जीवन महान नहीं बन सकता।

दोस्तों आपको यह आर्टिकल अनुशासन का महत्व कक्षा 10 से 12 के लिए कैसा लगा अपने सुझाव कमेंट बॉक्स में अवश्य दें इस आर्टिकल को पढ़ने के लिए धन्यवाद।

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