प्यासा कौवा की कहानी story of thirsty crow
हेलो दोस्तों! हमारे जीवन में कभी – कभी करो या मरो वाली परिस्थिति खड़ी हो जाती है। ऐसी परिस्थिति में हमें अपनी सूझबूझ से काम लेना चाहिए। आज हम आपको (एक प्यासा कौवा की कहानी story of thirsty crow) की कहानी बताने जा रहे हैं। जो कि मुश्किल परिस्थिति में भी हार नहीं मानता और मेहनत करता रहता है आखिर में विजय प्राप्त कर ही लेता है।
एक बार की बात है एक कौवा आकाश में उड़ रहा था। उड़ते उड़ते उसे प्यास लगने लगी। वह पानी की तलाश में इधर-उधर भटकने लगा। लेकिन उसे कहीं भी पानी दिखाई नहीं दिया। उसे ऐसा लगने लगा जैसे कि अगर उसे पानी नहीं मिला तो वह मर जाएगा।
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अचानक उसकी नजर एक घड़े पर पड़ी। कौवे के मन में उम्मीद जागी उसने सोचा चलो अब पानी मिल जाएगा और उसकी जान बच जाएगी। कौवा जल्दी से घड़े के पास उड़ कर गया और उसने पानी पीने के लिए घड़े में चोंच डाली, लेकिन यह क्या? कौवा की चोंच तो पानी तक पहुंच ही नहीं रही थी। कौवा परेशान हो गया इधर तो उसे प्यास लग रही थी और उधर पानी सामने होते हुए भी वह पानी नहीं पी सकता था।
तभी उसकी नजर कंकड़ पत्थरों पर पड़ी। उसके मन में विचार आया कि अगर मैं यह कंकड़ इस पानी में डाल दूं तो पानी ऊपर आ सकता है। उसने बिना देर किए धीरे-धीरे एक-एक कंकड़ पानी में डालना शुरू कर दिया। छोटे-छोटे कंकड़ की सहायता से पानी का स्तर ऊपर आ गया। कौवा ने पेट भर कर पानी पिया। पानी पीकर उसकी जान में जान आई और वह खुश हो गया।
प्यासा कौवा की कहानी से क्या शिक्षा मिलती है ?
प्यासा कौवा की कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि, मेहनत सफलता की कुंजी है। मेहनत से इंसान सब कुछ हासिल कर सकता है। जो व्यक्ति अपने कार्य को पूरे लगन के साथ करता है! वह व्यक्ति बड़ी से बड़ी परेशानियो को भी हल कर देता है।