
समय का सदुपयोग
समय एक अमूल्य धन है। समय का महत्व हमें जीवन में सफलता की ओर ले जाता है। एक बार समय बीत जाने के बाद, वह वापस नहीं आता है। एक बार जब हम दूध से दही बना लेते हैं, तो उसे दोबारा दूध में नहीं बदला जा सकता है। समय एक ऐसी चीज है जिसे गवां कर वापस नहीं पाया जा सकता। समय से ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ नहीं है।
प्रस्तावना- समय का सदुपयोग का अर्थ है सही समय पर सही काम करना। जो लोग अपने महत्वपूर्ण काम को कल के लिए छोड़ देते हैं उन्हें सफलता नहीं मिलती है। समय को सफलता की कुंजी कहा गया है। समय का पहिया अपनी गति से चलता रहता है, उसे कोई रोक नहीं सकता।
जो समय के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहा है वह सफल हो रहा है और जो समय की अनदेखी कर आलसी है वह जीवन में पिछड़ रहा है और बाद में उसके हाथ पछताने के अलावा कुछ नहीं आने वाला है।समय कभी नहीं रुकता, समय का चक्र हमेशा चलता रहता है, इसलिए हर व्यक्ति को समय के साथ चलना चाहिए और अपने जीवन समय का सदुपयोग करना चाहिए।
समय का सदुपयोग करने वाला व्यक्ति कभी दुखी नहीं रहता। समय का दुरपयोग ( समय की बर्बादी) करने वाला व्यक्ति कभी सुखी नहीं होता और न ही वह अपने जीवन में सफल हो पाता है। समय किसी का इंतजार नहीं करता जैसे समुद्र की लहरें किसी का इंतजार नहीं करती।
बीता हुआ समय कभी वापस नहीं आता, इसलिए हमारे जीवन में सबसे मूल्यवान चीज कुछ है, तो वह है समय। अगर पैसा खो गया है, तो उसे वापस लाया जा सकता है, लेकिन अगर हमारा समय बर्बाद होता है, तो इसे वापस लाने का कोई उपाय नहीं है।
समय का महत्व- हमारे जीवन में समय का बहुत महत्व है। समय के महत्व को समझते हुए प्रकृति भी समय के अनुसार चलती है। सूर्य और चंद्रमा अपने-अपने समय पर निकलते हैं और मौसम भी समय-समय पर बदलते रहते हैं। समय का पहिया घूमता रहता है। समय पैसे से ज्यादा शक्तिशाली है।
वह चाहे तो पल भर में किसी को भी नीचे गिरा सकता है और पल भर में आसमान पर बैठ सकता है।हम कभी भी समय नहीं बना सकते हैं और हम इसे कभी रोक नहीं सकते हैं। समय का पाबंद व्यक्ति हमेशा प्रगति के पथ पर चलता है। मनुष्य की आशाएं और इच्छाएं समय पर निर्भर करती हैं।
समय के सदुपयोग की आवश्यकता- मानव जीवन की सफलता का रहस्य समय के सदुपयोग में छिपा है। समय के सदुपयोग से एक सामान्य व्यक्ति भी महान बन जाता है। संसार में जितने भी महापुरुष हुए हैं, उनके जीवन में सफलता का रहस्य समय का सदुपयोग ही रहा है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और चाचा नेहरू समय के पाबंद थे। वह हर एक पल का पूरा ख्याल रखते थे।
सही समय पर सही काम करना- स्वामी विवेकानंद ने कहा है कि उठो, जागो और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आगे बढ़ो। खोया हुआ समय मनुष्य को पछतावे के सिवा कुछ नहीं देता। मनुष्य को सही काम करने के लिए आगे आना चाहिए और सही समय पर उसकी परीक्षा लेनी चाहिए। हमें तय करना चाहिए कि हम अपना कीमती समय कैसे व्यतीत करें। मानव जीवन में समय का महत्वपूर्ण स्थान है। जब कोई व्यक्ति अपने जीवन में समय पर कोई काम नहीं कर पाता है तो वह हाथ मलता रहता है।
समय के सदुपयोग के लाभ- मनुष्य की सफलता और समय का सदुपयोग एक दूसरे के पूरक हैं। समय के प्रत्येक क्षण को सही दिशा में उपयोग करने वाला व्यक्ति ही सफलता प्राप्त कर सकता है। समय हमारे जीवन में सफलता के कई अवसर लाता है। समय के सदुपयोग के साथ व्यक्ति की परिस्थितियाँ बदल जाती हैं।
समय का सदुपयोग करने से ही कोई भी व्यक्ति धनवान, बलवान और विद्वान बनता है। समय का सदुपयोग करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को परम सुख, वैभव और आनंद की प्राप्ति होती है। समय के सदुपयोग से ही मनुष्य की शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक उन्नति संभव है।
समय का सदुपयोग करने के लिए हमें अपने लक्ष्य निर्धारित करने होंगे। हर घंटे का प्रबंधन करना पड़ता है। काम के महत्व को समझना होगा और तय समय में काम पूरा करना होगा।
समय की बर्बादी से होने वाली हानि- समय का सही उपयोग न करने से जीवन में निराशा, असफलता, असंतोष और हानि होती है। समय का सदुपयोग करने वाला व्यक्ति मनुष्य, कथावाचक, आलसी, लेकिन निंदक, व्यर्थ पथिक, नासमझ और कर्तव्यहीन होता है। आलस्य को मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु माना जाता है। इसी प्रकार समय या समय का सदुपयोग न करना भी मनुष्य को सबसे अधिक हानि पहुँचाता है। ऐसा व्यक्ति जीवन भर अभावों और कष्टों से घिरा रहता है।
उपसंहार- यदि आप वास्तव में जीवन में सफल होना चाहते हैं तो समय की कद्र करें। नहीं तो वक्त कभी हमारी कदर नहीं करेगा। मानव जीवन में मिले अनमोल उपहार का सदुपयोग करना हमारा कर्तव्य है। उस राष्ट्र को प्रगति के पथ पर आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता, जिस राष्ट्र के नागरिक समय का सही प्रयोग करते हैं।
आज भी हम देखते हैं कि बहुत से लोग समय जैसी मूल्यवान संपत्ति को बर्बाद करते हैं और हमेशा भगवान को कोसते हैं। ऐसे लोगों की भगवान भी नहीं सुनते और उनका जीवन ऐसे ही व्यर्थ चला जाता है। जो संत कबीरदास जी ने भी अपने दोहे में बहुत कुछ कहा है ।
काल करे सो आज कर, आज करे सो अब।
पल में परिलै होएगी, बहुरि करेगा कब।।
यानी कल जो करना है, आज करो और जो आज करना है, उसे अभी करो, क्योंकि कल क्या होगा यह कोई नहीं बता सकता।
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Good job
सही बात है
Good
You write beautifully ✍️ ma’am