Christmas Day 2022 क्रिसमस डे क्यों मनाया जाता है क्या है इसके पीछे की कहानी…
क्रिसमस (Christmas) का त्योहार ईसाई धर्म का मुख्य त्योहार है। जिसका मुख्य रुप से बच्चों को पूरे साल इंतजार रहता है। क्रिसमस Christmas ईसा मसीह या यीशु के जन्म की खुशी में मनाया जाने वाले त्योहार है।
25 दिसंबर को पूरी दुनिया के ज्यादातर देशों में इस त्योहार को पूरे हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। साल 336 ईसवी में रोम में सबसे पहले क्रिसमस डे – Christmas Day मनाया गया था। क्रिसमस – Christmas के दिन लोग केक काटते हैं, एक-दूसरे को गिफ्ट देते हैं और पार्टी कर इस त्योहार का जश्न मनाते हैं।
क्रिसमस – Christmas एक ऐसा त्योहार – है, जिसे न सिर्फ विदेशों में धूमधाम से मनाया जाता है, बल्कि भारत में भी इस फेस्टिवल को लेकर लोगों में काफी उत्साह रहता है और इसे लोग न्यू ईयर तक मनाते हैं। यह त्योहार प्रेम और सोहार्द की मिसाल कायम करता है।
क्रिसमस डे क्यों मनाया जाता है क्या है इसकी कहानी….

ईसाई धर्म की धार्मिक पुस्तक बाइबिल के अनुसार माता मरियम के गर्भ से ईसाई धर्म के प्रमुख भगवान ईसा मसीह का इसी दिन जन्म हुआ था इसलिए इस त्योहार को मनाया जाता है।
वहीं ऐसा भी माना जाता है कि ईसा मसीह के जन्म से पहले ही यह भविष्यवाणी कर दी गई थी कि धरती पर एक ईश्वर का पुत्र जन्म लेगा जो बड़ा होकर राजा बनेगा और उसके राज्य की कोई सीमा नहीं होगी।
इसके अलावा ईसा मसीह के जन्म से पहले यह भी भविष्यवाणी की गई कि, यह पुत्र पूरी दुनिया को कष्ट से मुक्ति दिलवाएगा और लोगों का सही मार्गदर्शन कर सही रास्ते पर चलने की शिक्षा देगा और पूरी दुनिया का उद्धार करेगा। फिलहाल आगे चलकर हुआ भी यही कि उन्होंने अपना जीवन दूसरे लोगों की सेवा में समर्पित कर दिया।
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आपको बता दें कि माता मरियम और युसूफ की शादी हुई। शादी के बाद दोनों यहूदिया प्रांत के बेथलहम नामक जगह पर रहने लगे। यहीं पर एक रात को गौशाला में ईसा मसीह का जन्म हुआ था।
वहीं इसी दिन आकाश में एक तारा बहुत ज्यादा चमक रहा था और इससे लोगों को इस बात का एहसास हुआ कि रोम के शासन से बचने के लिए मसीहा ने जन्म ले लिया है। वहीं ईसा मसीह के जन्मोत्सव को ही लोग क्रिसमस डे Christmas Day के रूप में मनाते थे।
क्रिसमस के त्योहार के बारे में अलग-अलग विद्धानों के अलग-अलग मत हैं। वहीं ईसाई धर्म के लोगों के लिए इस त्योहार का अपना एक अलग महत्व है।
आपको बता दें कि शुरू में तो ईसाई धर्म के लोग ईसा मसीह के जन्म के बारे में ही एक मत नहीं थे, कोई 14 दिसंबर कहता है तो कोई 10 जून तो कोई 2 फरवरी को उनका जन्मदिन मनाता था। वहीं तीसरी शताब्दी में जाकर 25 दिसंबर को ईसा मसीह का जन्मदिन मनाना शुरु किया गया।
क्रिसमस पर बच्चों के लिए सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र होता है सांता क्लॉज जो लाल और सफेद कपड़ों में बच्चों के लिए ढेर सारे उपहार और चॉकलेट्स लेकर आता है। यह एक काल्पनिक किरदार होता है जिसके प्रति बच्चों का लगाव होता है। ऐसा कहा जाता है कि सांताक्लाज स्वर्ग से आता है और लोगों को मनचाही चीजें उपहार के तौर पर देकर जाता है। यही कारण है कि कुछ लोग सांता क्लाज की वेशभूषा पहन कर बच्चों को भी खुश कर देते हैं।
कौन है सांता क्लॉज ? Claus Who is Santa?
सांता क्लॉज का बच्चे पूरे साल इंतजार करते हैं, वहीं सांता को क्रिसमस फादर भी कहा जाता है। क्योंकि बच्चें को पूरा भरोसा होता है कि क्रिसमस के पावन पर्व पर उनके प्यारे सांता अंकल आएंगे और उन्हें चॉकलेट्स और गिफ्ट्स देंगे।
संत निकोलस saint nikolas थे सांता के जनक-
वहीं आज से डेढ़ हजार साल पहले जन्मे संत निकोलस, जो कि तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, उनको असली सांता और सांता का जनक भी माना जाता है।
दरअसल संत निकोलस को भी बच्चों से खास लगाव था और वह बच्चों को गिफ्ट्स देते थे। और उस समय लोगों के मन में संत निकोलस के प्रति काफी आदर भाव था। वहीं उसी समय सांता क्लॉज की कल्पना की जाने लगी।
हालांकि संत निकोलस और जीसस के जन्म का कोई सीधा संबंध नहीं रहा है, लेकिन फिर भी आज के समय में सांता क्लॉज क्रिसमस का अहम हिस्सा हैं। उनके बिना मानो क्रिसमस पर्व ही अधूरा है।
विद्दानों के मुताबिक संत निकोलस का जन्म तीसरी सदी में जीसस की मौत के 280 साल बाद मायरा में हुआ था और वे एक सुखी और संपन्न परिवार से थे। जिन्होंने अपने बचपन में ही अपने माता-पिता को खो दिया। और बचपन से ही उनकी प्रभु ईसा मसीह में गहरी आस्था थी, और इसी वजह से वे बड़े होकर ईसाई धर्म के पादरी (पुजारी) और बाद में बिशप बने ।
ईसा मसीह एक दरियादिली और नेक इंसान थे, जिन्हें जरूरतमंदों और बच्चों को गिफ्ट्स देना बेहद पसंद था। आपको बता दें कि संत निकोलस भी ज्यादातर गिफ्ट्स आधी रात को ही देते थे, क्योंकि वो नहीं चाहते थे कोई उन्हें उपहार देते हुए देखे अर्थात उन्हें गुपचुप तरीके से ही बच्चों को गिफ्ट देना पसंद था इसलिए आपने अक्सर पेरेंट्स को यह कहते सुना होगा कि अगर जल्द नहीं सोओगे तो सांता क्लॉज उन्हें गिफ्ट देने नहीं आएंगे।
क्रिसमस ट्री को सजाने के पीछे एक पौराणिक कथा –
सदाबहार वृक्ष को सजाकर क्रिसमस का सेलिब्रेशन किया जाता है, उनकी यह परम्परा जर्मनी से शुरु हुई जिसमें एक बीमार बच्चे को खुश करने के लिए उसके पिता ने सदाबहार वृक्ष को सुंदर तरीके से सजाकर उसे गिफ्ट दिया।
इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि जब जीज़स का जन्म हुआ तब खुशी व्यक्त करने के लिए सभी देवताओं ने सदाबहार के पेड़ को सुंदर तरीके से सजाया और तब से ही क्रिसमस ट्री का प्रतीक समझा जाने लगा और क्रिसमस ट्री को सजाने यह परंपरा प्रचलित हो गई।
आपको यह भी बता दें कि क्रिसमस ट्री को सजाने की शुरुआत सबसे पहले बोनिफेंस टुयो नामक एक अंग्रेज ने की थी। यह पहली बार जर्मनी में दसवीं शताब्दी के बीच शुरु हुआ था।क्रिसमस को क्रिसमस पर सजाने की परंपरा जर्मनी से शुरु हुई।
वहीं 19 वीं शताब्दी में क्रिसमस ट्री को इंग्लैंड में भी सजाया जाने लगा। फिर धीरे-धीरे अन्य कई देशों में क्रिसमस को सजाने की परंपरा को निभाया गया और इस तरह आज क्रिसमस के दिन क्रिसमस ट्री को सजाना एक ट्रेंड बन गया है।
क्रिसमस ट्री को सजाने और इसमें खाने की चीजें रखने का रिवाज सबसे पहले जर्मनी में ही शुरु हुआ था। जब इसमें सोने में वर्क में लिपटे सेब, जिंजरब्रेड से सजाया गया।
क्रिसमस डे Christmas day से जुड़े कुछ तथ्य-
*क्रिसमस पर संता क्लॉज नाम का कैरेक्टर काफी फेमस है। लेकिन दिलचस्प बात ये है कि संता क्लॉज का ईसा मसीह के जन्म से कोई ताल्लुक नहीं है। कई लोग संता क्लॉज को ईसा मसीह का पिता मानते है।
हालांकि कई कहानियों के अनुसार चौथी सदी में तुर्किस्तान के एक शहर में बिशप संत निकोलस नाम के व्यक्ति हुआ करते थे जिनके नाम पर संता क्लॉकज का चलन शुरु हुआ। ये संत गरीब बच्चों को गिफ्ट बांटा करते थे।
* इस दिन के बाद सांता क्लॉज का महत्व बढ़ा। बच्चों के अंदर ये धारणा है कि संता उनके लिए गिफ्ट, चॉकलेट और खिलौने बांटते हैं।
*दुनियाभर में क्रिसमस 25 दिसंबर को सेलिब्रेट किया जाता है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि जर्मनी में क्रिसमस 24 दिसंबर को मनाया जाता है।
*ब्रिटेन में क्रिसमस का अगला दिन बॉक्सिंग डे के रुप में सेलिब्रेट किया जाता है इस दिन को फीस्ट ऑफ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है।
*क्रिसमस पर क्रिसमस ट्री का भी खास महत्व है रिपोर्टस के अनुसार यू.एस में हर साल 24 और 25 दिसंबर को 18 सौ से ज्यादा क्रिसमस ट्री बिकती है।
*अमेरिका में क्रिसमस के मौके पर 20 हजार से ज्यादा लोग सांता क्लॉज बनते है और बच्चों को गिफ्ट बांटते हैं।
दोस्तों आपको यह आर्टिकल (Christmas Day 2022 क्रिसमस डे क्यों मनाया जाता है क्या है इसके पीछे की कहानी… )कैसा लगा अपने सुझाव कमेंट बॉक्स में अवश्य दें। इस आर्टिकल को पढ़ने के लिए धन्यवाद!
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