परिश्रम का महत्व

परिश्रम का महत्व

परिश्रम का महत्व

मनुष्य के जीवन में परिश्रम का बहुत ही महत्व होता है। मानव परिश्रम (मेहनत) द्वारा अपने जीवन की कठिन से कठिन चुनौती भी पार कर लेता है। दोस्तों आज हम परिश्रम का महत्व के माध्यम से इसी विषय पर प्रकाश डालेंगे। एक पशु अपने भोजन के लिए परिश्रम करता है, लेकिन हम मानव हैं।

हम (मानव) भी सिर्फ भोजन के लिए ही परिश्रम करें मतलब खाया पिया फिर सो गए, तो हमारे और जानवरों के बीच क्या फर्क रह जाएगा। परिश्रम को सफलता की कुंजी कहा जाता है।

प्रस्तावना- परिश्रम अथवा कार्य ही मनुष्य की सफलता की कुंजी (चाबी )होती है। क्योंकि बिना परिश्रम के मानव जीवन पशु के समान है। आसान शब्दों में कहा जाए तो किसी काम को करने में हमारे द्वारा की गई मेहनत (श्रम) ही परिश्रम है।

परिश्रम का महत्व- मेहनती लोग अपने कार्यों से अपनी इच्छाओं को पूरा करते हैं। वे जो चाहते हैं उसे पाने के लिए एक रास्ता चुनते हैं। ऐसे व्यक्ति आने वाली कठिनाइयों और परेशानियों से नहीं डरते, बल्कि उस संकट के समाधान का समाधान ढूंढते हैं। वे अपनी कमियों के लिए दूसरों को कलंकित या दोष नहीं देते हैं।

दूसरी ओर कर्म या आलसी व्यक्ति सदैव भाग्य पर निर्भर रहता है। अपनी कमियों और दोषों का निदान न करके वे इसे भाग्य का दोष मानते हैं। उनके अनुसार जीवन में जो कुछ भी मिल रहा है या जो कुछ भी उसकी उपलब्धि से परे है, उन सभी में ईश्वर की इच्छा है। भाग्य के सहारे वह जीवन भर कर्म के क्षेत्र से दूर भागता रहता है। वह अपनी कल्पना में ही सुख ढूंढता रहता है, पर सुख उससे सदा दूर मृगतृष्णा की तरह रहता है।

ज अगर हम देश-विदेश के महान या प्रसिद्ध पुरुषों या महिलाओं की जीवन शैली को देखें तो पाएंगे कि उन्होंने अपनी मेहनत के बल पर अपने साधारण जीवन को महान बनाकर सबके सामने एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया है। हर कोई चाहता है कि हमें सफलता पाने का कोई आसान तरीका खोजना चाहिए। लेकिन मेहनत से ही सफलता हासिल की जा सकती है। इसलिए मेहनत करते रहना चाहिए।

आज के लोगों का रहन-सहन बहुत ही आरामदायक हो गया है। जिससे लोग आलसी हो गए हैं। लेकिन युवाओं को समझाया जाना चाहिए कि बिना मेहनत के सफलता नहीं मिलती।

परिश्रम के लाभ-  कड़ी मेहनत के कुछ लाभ निम्नलिखित हैं।

1.हम जानते हैं कि आज का युग प्रतियोगिता वाला युग है।आए दिन हर क्षेत्र में दौड़ लगी हुई है अगर हम मेहनत करके कोई काम सीखते हैं तो हम उस क्षेत्र में महारत हासिल कर लेते हैं हमें मेहनत के बल पर नई चीजें सीखने को मिलती हैं। 

2. अगर हमें जिंदगी में कुछ चाहिए तो हमें परिश्रम करना ही होगा। परिश्रमी व्यक्ति हमेशा अपनी कमी को देखता है, ना कि अपनी असफलता का कारण दूसरे को माने। हमारे द्वारा की गई बार-बार मेहनत (परिश्रम ) से हम सफलता अवश्य प्राप्त कर लेते हैं।

3. एक चींटी भी अपने शरीर के आकार से बड़ी चीज को ले जाने की कोशिश करती रहती है। वह (चींटी ) कितनी बार गिरती है उठती है, लेकिन हार नहीं मानती आखिर में वह सफल हो ही जाती है। इसलिए हमें अपने जीवन में सकारात्मक सोच रखनी चाहिए।

4. परिश्रम करने से व्यक्ति के अच्छे चरित्र का निर्माण होता है। परिश्रमी व्यक्ति मेहनत के महत्व को समझता है। वह कभी भी किसी को धोखा नहीं देता। सफल होने के लिए वह कभी भी कोई गलत काम नहीं करता है।

परिश्रम द्वारा सफलता के कुछ उदाहरण- परिश्रम कभी भी बेकार नहीं जाता। आप अगर अपनी किस्मत के भरोसे भूखे बैठे गए, कि अगर हमारी किस्मत में खाना होगा तो हमें अवश्य मिलेगा, लेकिन आपको खाना तभी मिलेगा, जब आप मेहनत करोगे, क्योंकि आपको अपनी थाली से रोटी का टुकड़ा उठा कर मुंह तक तो ले जाना ही पड़ेगा। 

अमेरिका के राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन को कौन नहीं जानता। वे एक गरीब परिवार में पैदा हुए यहां तक कि उनके पास पढ़ने के लिए किताबें भी नहीं थी। फिर भी गली की लाइट के प्रकाश में अपने पड़ोसी की किताबों द्वारा पढ़ाई करके लगातार परिश्रम से वे अमेरिका के राष्ट्रपति बने।

डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम को तो मिसाइल मैन कहा जाता है। इनका बचपन अभावों में बीता था। कॉलेज में प्रवेश पाने के समय अब्दुल कलाम के पास ₹1000 भी नहीं थे, लेकिन उन्होंने परिश्रम के बल पर अपने आप को इस काबिल बनाया कि, वे वैज्ञानिक होने के साथ-साथ भारत के राष्ट्रपति भी बने।

थॉमस अल्वा एडिसन के तो तकरीबन एक हजार आविष्कार विफल हुए। शिक्षा समय पर भी वे एक मंदबुद्धि बच्चे समझे जाते थे, यहां तक कि स्कूल से भी उनको निकाल दिया। परंतु उन्होंने हार नहीं मानी और परिश्रम करते ही रहे आखिरकार उन्होंने सफलता प्राप्त की और बल्ब का आविष्कार किया थॉमस अल्वा एडिसन को आविष्कार के पिता (father of invention) भी कहा जाता है।

उपसंहार- परिश्रम या कर्म ही मनुष्य की वास्तविक पूजा है। इस पूजा के बिना मनुष्य का सुखी और समृद्ध होना बहुत कठिन है। जो व्यक्ति मेहनत से दूर रहता है, यानि काम न करने वाला, आलसी व्यक्ति हमेशा दु:खी रहता है और दूसरों पर निर्भर रहता है।

इसलिए हम सभी को कड़ी मेहनत के महत्व को स्वीकार करना और समझना चाहिए और कड़ी मेहनत का रास्ता अपनाकर न केवल खुद बल्कि अपने देश और समाज का नाम भी ऊंचाइयों पर ले जाना चाहिए और मेहनत करते रहना चाहिए.

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